हिंदू महासभा का उद्भव

खिल भारत हिन्दू महासभा भारत का एक राजनीतिक दल है। यह एक भारतीय हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन है। इसकी स्थापना सन 1915 में हुई थी। विनायक दामोदर सावरकर इसके अध्यक्ष रहे। केशव बलराम हेडगेवार इसके उपसभापति रहे। बालकृष्ण शिवराम मुंजे हिन्दू महासभा के अध्यक्ष थे। वे सन 1927-28 में अखिल भारत हिन्दू महासभा के अध्यक्ष रहे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बनवाने में इनका बहुत योगदान था। संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के वे राजनितिक गुरु थे। भारत के स्वतन्त्रता के उपरान्त जब महात्मा गांधी की हत्या हुई तब इसके बहुत से कार्यकर्ता इसे छोड़कर भारतीय जनसंघ में भर्ती हो गये।

स्थापना

सन् 1915 में मदनमोहन मालवीय के नेतृत्व में प्रयाग में हिंदू महासभा की स्थापना की गई। सन् 1916 में अंबिका चरण मजूमदार की अध्यक्षता में लखनऊ में कांग्रेस अधिवेशन हुआ। लखनऊ कांग्रेस ने मुस्लिम लीग से समझौता किया जिसके कारण सभी प्रांतों में मुसलमानों को विशेष अधिकार और संरक्षण प्राप्त हुए। हिंदू महासभा ने सन् 1917 में हरिद्वार में महाराजा नंदी कासिम बाजार की अध्यक्षता में अपना अधिवेशन करके कांग्रेस-मुस्लिम लीग समझौते तथा चेम्सफोर्ड योजना का तीव्र विरोध किया।

अंग्रेजों ने स्वाधीनता आंदोलन का दमन करने के लिए रौलट ऐक्ट बनाकर क्रांतिकारियों को कुचलने के लिए पुलिस और फौजी अदालतों को व्यापक अधिकार दिए। कांग्रेस की तरह हिंदू महासभा ने भी इसके विरुद्ध आंदोलन चलाया। उसी समय गांधी ने तुर्की के खलीफा को अंग्रेजों द्वारा हटाए जाने के विरुद्ध तुर्की के खिलाफत आंदोलन के समर्थन में भारत में भी खिलाफत आंदोलन चलाया।

सन् 1925 में कलकत्ता नगरी में लाला लाजपत राय की अध्यक्षता में हिंदू महासभा का अधिवेशन हुआ जिसमें प्रसिद्ध कांग्रेसी नेता मुकुंदराव आनंदराव जयकर भी सम्मिलित हुए। सन् 1926 में देश में प्रथम निर्वाचन होने जा रहा था। अंग्रेजों ने असंबलियों में मुसलमानों के लिए स्थान सुरक्षित कर दिए। हिंदूमहासभा ने पृथक् निर्वाचन के सिद्धांत और मुसलमानों के लिए सीटें सुरक्षित करने की विरोध किया।

जब अंग्रेजों का साइमन कमीशन, रिफार्म ऐक्ट में सुधार के लिए भारत आया, तो हिंदू महासभा ने भी कांग्रेस के कहने पर इसका बहिष्कार किया। लाहौर में हिंदू महासभा के अध्यक्ष लाला लाजपत राय स्वयंसेवकों के साथ कमीशन के बहिष्कार के लिए एकत्र हुए। पुलिस ने लाठी प्रहार किया, जिसमें लाला को चोट आई और उनकी मृत्यु हो गई। ब्रिटिश सरकार ने लंदन में गोलमेज सम्मेलन आयोजित करके हिंदू, मुसलमान, सिक्ख आदि सभी के प्रतिनिधियों को बुलाया। हिंदू महासभा की ओर से डॉ॰ धर्मवीर, मुंजे, बैरिस्टर जयकर आदि सम्मिलित हुए। हिंदू महासभा ने सिंध प्रांत को बंबई से अलग करने का भी विरोध किया।

सावरकर का आगमन

सन् 1937 में जब हिन्दू महासभा काफी शिथिल पड़ गई थी और गांधी लोकप्रिय हो रहे थे, तब वीर सावरकर रत्नागिरि की नजरबंदी  से मुक्त होकर आए। वीर सावरकर ने सन् 1937 में अपने प्रथम अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हिंदू ही इस देश के राष्ट्रीय हैं और आज भी अंग्रेजों को भगाकर अपने देश की स्वतंत्रता उसी प्रकार प्राप्त कर सकते हैं, जिस प्रकार भूतकाल में उनके पूर्वजों ने शकों, ग्रीकों, हूणों, मुगलों, तुर्कों और पठानों को परास्त करके की थी। उन्होंने घोषणा की कि हिमालय से कन्याकुमारी और अटक से क़टक तक रहनेवाले वह सभी धर्म, संप्रदाय, प्रांत एवं क्षेत्र के लोग जो भारत भूमि को पुण्यभूमि तथा पितृभूमि मानते हैं, खानपान, मतमतांतर, रीतिरिवाज और भाषाओं की भिन्नता के बाद भी एक ही राष्ट्र के अंग हैं क्योंकि उनकी संस्कृति, परंपरा, इतिहास और मित्र और शत्रु भी एक हैं – उनमें कोई विदेशीयता की भावना नहीं है।

अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के अध्ययन

 

  1. राजा मणीन्द्रचन्द्र नाथ — हरद्वार, 1915
  2. मदन मोहन मालवीय — हरद्वार, 1916
  3. जगत्गुरु शंकराचार्य भारती तीर्थ पुरी — प्रयाग, 1918
  4. राजा रामपाल सिंह — दिल्ली , 1919
  5. पण्डित दीनदयाल शर्मा — हरद्वार, 1921
  6. स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती — गया, 1922
  7. लाला लाजपत राय — कोलकाता, 1925
  8. राजा नरेन्द्र नाथ — दिल्ली, 1926
  9. डॉ बाळकृष्ण शिवराम मुंजे — पटना, 1927
  10. नरसिंह चिंतामन केलकर — जबलपुर, 1928
  11. रामानन्द चटर्जी — सूरत, 1929
  12. विजयराघवाचार्य — अकोला, 1931
  13. भाई परमानन्द — अजमेर, 1933
  14. भिक्षु उत्तम — कानपुर, 1935
  15. जगद्गुरु शंकराचार्य डॉ कुर्तकोटी — लाहौर, 1936
  16. विनायक दामोदर सावरकर — कर्णावती (1937) , नागपुर (1938), कोलकाता (1939), मदुरा (1940), भागलपुर (1941), कानपुर (1942)
  17. श्यामाप्रसाद मुखर्जी — अमृतसर (1943-1944)
  18. लक्ष्मण बलवन्त भोपतकर — गोरखपुर (1946)
  19. नारायण भास्कर खरे — कोलकाता (1949)
  20. आचार्य बालाराव सावरकर — कर्णावती (1987)

 

 

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